तेरापंथ सभा, कोलकाता
संघ का गौरव, साधना का केंद्र
तेरापंथ सभा, कोलकाता अखिल भारतीय
तेरापंथ महासभा की एक सक्रिय एवं प्रतिष्ठित इकाई है। इसका उद्देश्य जैन दर्शन का
प्रचार-प्रसार, सामाजिक सेवा, और आध्यात्मिक मूल्यों का संवर्धन करना है। यह सभा पूर्वी
भारत में तेरापंथ समाज के लिए एक सशक्त स्तंभ के रूप में कार्य कर रही है।
कोलकाता जैसे सांस्कृतिक नगर में स्थित यह सभा
नियमित रूप से धार्मिक प्रवचन, प्रेक्षा ध्यान, जीवन विज्ञान, अहिंसा यात्रा, एवं
सामाजिक सेवा कार्यक्रमों का आयोजन करती है। आचार्य श्री महाश्रमण जी की शुभ
प्रेरणा
से सभा आध्यात्मिक साधना और समाज सेवा का संगम बन चुकी है।
कोलकाता की इस पुण्यभूमि को वह गौरव प्राप्त है
जहाँ दो बार तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य का चातुर्मास सम्पन्न हुआ। सन् *1957 में आचार्य
श्री तुलसी* का चातुर्मास कोलकाता में संपन्न हुआ था, जो कि उनके धार्मिक नेतृत्व की एक
ऐतिहासिक छवि बनकर उभरा। इसके 60 वर्षों बाद, सन् *2017 में आचार्य श्री महाश्रमण जी* का
चातुर्मास पुनः कोलकाता में हुआ, जो *अहिंसा यात्रा* के एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में
देखा गया।
सभा *श्रावक-श्राविकाओं* एवं युवा वर्ग को
जोड़कर उन्हें अनुशासन, सादगी, और आध्यात्मिक विकास की दिशा में मार्गदर्शित करती है। यह
सभा *अहिंसा, सत्य, और आत्मसंयम* जैसे मूल्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक ऊर्जा और
नैतिकता का संचार कर रही है।